Friday 12 June 2015

भारत की स्वतंत्रता में द्वितीय विश्वयुद्ध की भूमिका

भारत की स्वतंत्रता में द्वितीय विश्वयुद्ध की एक बड़ी भूमिका रही है। भारत में युद्ध को लेकर चर्चाओ को बाजार गर्म था। जिन्ना की मुस्लिम लीग और कांग्रेस की खाई बोरदोलि के अधिवेशन के बाद और गहरी हो गयी थी। अमेरिका ब्रिटेन पर भारत की आजादी को लेकर दवाब बना रहा था। उसे अंग्रेजी साम्राज्यवाद नापसंद था। 1 जनवरी 1942 को वाशिंगटन में सर जी. एस. वाजपेयी, जो गवर्नर जनरल के अमेरिका में प्रतिनिधि थे, ने भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ के संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर अटलांटिक चार्टर को संयुक्त कार्यक्रम घोषित करने का प्रपत्र जारी किया था । जापानी विश्व युद्ध के मोर्चों में आगे बढ़ रहे थे।

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